Thursday, February 3, 2011

हिंदी सीखने के लिए भारत आए पाकिस्तानी बच्चे


हिंदी सीखने के लिए पाकिस्तानी बच्चों का जत्था भारत आया है। पड़ोसी मुल्क से आए 27 बच्चे गुड़गांव और दिल्ली के स्कूलों में क से कबूतर सीखेंगे। भारतीय स्कूलों में बिना नाम लिखाए सात दिन में हिंदी की क्लास पूरी करने के बाद वतन लौटते समय ये हिंदी की किताबें साथ ले जाएंगे ताकि होमवर्क करते रहें। अटारी बार्डर के रास्ते भारत पहुंचे इन 27 बच्चों में 11 साल का रहमान भी शामिल है। उसके दादा मोहम्मद याकूब अहमद दिल्ली के दरियागंज इलाके में रहा करते थे। रहमान पहली बार भारत आया है। उसकी हसरत है कि वह अपने दादा का पुश्तैनी मकान देख सके। उसके पास मकान ढूंढ़ने के लिए बस दादा का नाम और दरियागंज स्थित फ्लाईओवर के साथ अंदर जाती संकरी गली, नुक्कड़ पर हलवाई की दुकान और साथ में ही मसजिद..यही पता है। उसे उम्मीद है कि वह अपने दादा का पुश्तैनी मकान ढूंढ़ लेगा। इन बच्चों के साथ आए वजीर अहमद बशीर कहते हैं कि ये बच्चे गुड़गांव के बाद दिल्ली के कुछ पब्लिक स्कूलों में जाकर पढ़ाई करेंगे। भारतीय बच्चों के साथ मिलकर क्लास में अ, आ पढ़ेंगे। रहमान के साथ-साथ वाजिद, कुरैशी, अहमद भी भारत आए हैं। इनकी हसरत है कि वह सलमान खान व कट्रीना कैफ से मिलें। सरकार ने इजाजत दी तो बच्चे संसद भवन भी देखने जाएंगे। इन बच्चों के साथ चार टीचर हैं। लाहौर, कराची, इस्लामाबाद के स्कूलों के ये वे बच्चे हैं जिन्हें पढ़ाई में अव्वल रहने पर अपने-अपने स्कूलों से हाल में ही सम्मानित किया गया है।


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