भारत से जुड़ने के लिए बहुत से विदेशी इन दिनों हिंदी सीख रहे हैं। उनका मानना है कि इस भाषा का ज्ञान होने पर उन्हें भारतीय लोगों के साथ घुल मिल पाने में आसानी होगी। वैश्विक कंपनियों के लिए भारत के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरने के साथ ही विदेशियों में हिंदी के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। विदेशियों को हिंदी सिखाने वाले एक कोचिंग संस्थान के प्रमुख चंद्र भूषण पांडेय का कहना है कि जो विदेशी भारत में बसना चाहते हैं या जो यहां अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं, वे अधिक अच्छे परिणामों के लिए हिंदी सीखने की आवश्यकता को महसूस करते हैं। हालांकि अंग्रेजी भारत में अब भी व्यावसायिक भाषा है, लेकिन हिंदी का ज्ञान सांस्कृतिक बारीकी को समझने में मदद करता है। हर महीने करीब 40 विदेशियों को हिंदी सिखाने वाले पांडेय का कहना है, पिछले आठ सालों में हिंदी बोलने की मांग 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है। हिंदी बोलने और समझने की क्षमता भारतीय संस्कृति और इतिहास को समझने के अवसर बढ़ाती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने कार्यालय खोल रही हैं और वे बेहतर व्यावसायिक परिणामों तथा अपने भारतीय ग्राहकों से जुड़ने के लिए अपने अधिकारियों को हिंदी सीखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
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