Sunday, January 9, 2011

भारत में विदेशी छात्रों को पढ़नी होगी हिंदी

इलाहाबाद देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययन की चाहत रखने वाले विदेशी छात्रों को अब हिंदी का अध्ययन करना होगा। इसके लिए सभी विवि स्वयं पाठ्यक्रम बनाएंगे। छात्रों को अनिवार्य रूप से देश की मातृभाषा का अध्ययन कराना विवि की जिम्मेदारी होगी। कैंपस एवं इससे संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक एवं परास्नातक की पढ़ाई में हिंदी का अधिक प्रयोग हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। गत माह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित उच्चस्तरीय राजभाषा क्रियान्वयन समिति विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों के हिंदी अध्ययन पर नजर रखेगी। समिति के सदस्य एवं अध्यक्ष प्रत्येक छह महीने पर विवि का भ्रमण कर हिंदी के विस्तार की जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देंगे। इस निर्णय के घेरे में भारतीय मूल के विदेशी छात्र भी शामिल होंगे। केंद्रीय राजभाषा क्रियान्वयन समिति ने इस प्रस्ताव का प्रारूप तय कर लिया है। कुछ दिनों पहले इलाहाबाद आये समिति के अध्यक्ष आचार्य यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय विवि में विदेशी छात्रों के लिए अनिवार्यत: हिंदी अध्ययन की व्यवस्था करना विवि की जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी केंद्रीय विवि में हिंदी अधिकारी की नियुक्ति की जानी है। यूजीसी की योजना के अंतर्गत विवि में छह माह के भीतर राजभाषा विभाग की स्थापना होनी चाहिए। समिति विभिन्न विदेशी भाषाओं जैसे अरबी, स्पेनी, रूसी, जर्मन, फ्रांसीसी, हिब्रु एवं इतालवली आदि के अध्ययन को बढ़ावा देकर उनकेहिंदी अनुवाद की व्यवस्था को भी देखेगी। समिति अध्यक्ष ने विवि में हिंदी भाषा के विस्तार पर अनेक सुझाव भी दिये हैं। इसमें दिल्ली विवि की तरह 8-10 अन्य विश्वविद्यालयों में हिंदी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय प्रकोष्ठ स्थापित करना हैं। इसमें हिंदी भाषी राच्यों की हिंदी समितियों, अकादमियों के साथ समन्वयन की व्यवस्था करना है। समिति के सुझाव पर इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनआर फारुकी का कहना है समिति ने हिंदी के प्रसार के लिए जो भी सुझाव दिये हैं, उनपर अमल होगा। विदेशी छात्रों में हिंदी के प्रति लगाव पैदा हो, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। स्नातक एवं स्नातकोत्तर पढ़ाई का माध्यम हिंदी ही हो। इसके अतिरिक्त अगले छह माह में अधिकतर लिपिकीय कार्य हिंदी कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

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